जो भी प्रत्याशी चुनाव लड़ेगा ,उसको अपने परिवार की तरह जोसुविधा महंगे इलाज, महंगी शिक्षा ,महंगी मकान की उसके परिवार के लिए बीस से पचासों लाख रुपये खर्च करने की सुविधाएँ उपलब्ध र्है,अथात पचासों लाख खर्च करसकता है ,वही पचा सों लाख की सुविधाए वह प्रत्याशी क्षेत्र के सभी वोटरएवं उनके परिवार को उपलब्ध कराने के लिए एग्रीमेंट करेगा, शपथ पत्र देगा और ऐसा न करने पर उसकी संपत्ति जप्त होगीl आजीवन कारावास होगा |
भारतीय मताधिकार जागरूकता महासंघ,विकास फौन्डेशन,आर्थिक आज़ादी आन्दोलन" देश में लगभग 900 लाख करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार के धन, काले धन और काले धन की संपत्तियों को जब्त करने और विदेशों से लगभग 90 लाख करोड़ रुपये के काले धन को वापस लाने/वापस लाने और उसे सरकारी खजाने में जमा करने और आवंटित करने/बजट में डालने के लिए वर्ष 2000 के यूएनओ(संयुक्त राष्ट्र संघ ) प्रस्ताव देश की जागरूक जनता लागू कराने के लिए सभी सरकारों को वाध्य करेगी ।
प्रिय मित्रों, देश में प्रत्येक गरीब से गरीब व्यक्ति अपनी कठोर मेहनत की कमाई का लगभग 60% टैक्स सरकार को देता है, क्योंकि प्रत्येक वस्तु पर जीएसटी अर्थात वस्तुकर लगा हुआ हैl वस्तु उत्पादन फैक्टरी कारखाने से होता है उसमें जमीन की रजिस्ट्री अर्सेथात सरकारें किसानोंकी जमीने यदि 1 रुपये में खरीदती हैं और फेक्ट्री एरिया बनाती है वह जमीन या फेक्टरी का प्लाट फेक्टरी डालने बाले को 10 रुपये में पड़ता है ,यदि फेक्ट्री मालिक किसान से सीधे डाइरेक्ट जमीन खरीदता तो 9 रुपये की लागत नही लगती यह लागत फेक्ट्री में बनी बस्तु की लागत में जुड़ती जुड़ेगी हीइस 9 रुपयों की लागत जोड़कर ही बस्तु की कीमत तय होगी या सरकार के किसी खास पूंजीपति को औद्योगिक क्षेत्र अर्थात इंडस्ट्रीयल एरिया घोषित होने से पहले ही बता दिया जाता है की आप इस जमीन को खरीद ले हम यहाँ इंडस्ट्रीयल एरिया बनाने जा रहे हैं इस तरह अपने खास चहेते को वह जमीन खारीवा दी जाती है उसके बाद उस जमीन को इंडस्ट्रीयल एरिया घोषित कर उसे बड़ा लाभ पहुंचाया जाता है | उसके बाद वह 1 रुपये में जमीन खरीदता है और सरकार से कई गुना मुआवजा हासिल करता है |सके बाद फेक्टरी की बिल्डिंग में लगे मैटेरियल ईंट, सीमेंट, लोहा ,मशीन सभी में ऑलरेडी(पहले से ही) जीएसटी दो-दो बार सरकार के पास चली जाती हैl उसके बाद फैक्ट्री में जो सामान बनता है,उस पर पुनः तीसरी और चौथी बार जीएसटी लगती हैl इस तरह प्रत्येक वस्तु पर लगभग 60% जीएसटी लगी हुई है, जो सरकार के पास जाती हैl वह लाखों करोड़ में इकट्ठी होती है | उसमें से जो केंद्रीय सत्ता वाले कुछ ही बड़े भ्रष्ट लोग डेवलपमेंट में उस फंड को लगाते हैंl बड़ी मात्रा में लाखों करोड़ रूपया विदेशी कर्ज विश्व बैंक आदि से लेकर विकास कार्यों में लगाते हैं | नॅशनल हाईवे,सड़के, ,नहरे, डेम्स , हवाई अड्डे, मेट्रो ट्रेन्स ,बुलेट ट्रेन्स आदि डेवलपमेंट में पचासों हजार करोड़ों की कुछ ही लोग कमीशन खोरी करके संपत्ति एकत्रित कर लेते हैंl इस संपत्ति से प्राइवेट सेक्टर के बड़े महंगे अस्पताल ,महंगे,मेडिकल कॉलेज औरमहंगे इन्गिनिअरिंग कालेज ,MBA,MCA कालेज एवं शिक्षा संसथान , बिल्डरमहँगी कालोनियां बनाते हैं जो देश के हजार में से एक भी व्यक्ति जिसकी आमदनी एक लाख रुपये है, इन का पचासों लाख का भुगतान नहीं कर सकता जब की यही लोग जी एस टी का 99 % भुगतान करते हैं|यही एक हजार में 999 लोग गंभीर बीमारीमें पच्चासों लाख के महंगे इलाज नहीं करा सकते,ना ही पचासों लाख के महंगे फ़्लैट महँगी कालोनियों में सकते, ,ना ही पचासों लाख की महंगी शिक्षा ग्रहण कर सकते हैं ll यह पैसा आपका ही है lइस भ्रष्टाचार, कमीशन खोरी शोषण ,अत्याचार,अन्याय अपमान से बचने के लिए संगठित होइए lइसीलिए "भारतीय मताधिकार शक्ति महासंघ,राष्ट्रीय आर्थिक सामाजिक न्मोयाय मोर्चा, ,विकास फौन्डेशन , आर्थिक आज़ादी आन्दोलन आदि राष्ट्र ब्यापी संगठनो के द्वारा सभी देशवासियों को प्रशिक्षण देकर उनके वोट की सबसे बड़ी ताकत है उन्हें बताकर जागरूक किया जा रहा है "l इसका उद्द्येश्यं जो भी प्रत्याशी चुनाव लड़ेगा ,उसको अपने परिवार की तरह जोसुविधा पचासों लाख के महंगे इलाज, महंगी शिक्षा ,महंगी मकान की उपलब्ध है उसी तरह क्षेत्र के सभी वोटरो के परिवारों को उपलब्ध कराने के लिए एग्रीमेंट करेगा और शपथ पत्र देगा जीतने और सरकार बनाने के बाद ऐसा न करने पर उसकी सभी संपत्ति जप्त होगीl और आजीवन कारावास होगा |प्रत्येक लोकसभा क्षेत्र में अनेकों सच्चे समाजसेवी एवं राष्ट्रभक्त एग्रीमेंट करने और सपथपत्र देने को तैयार हैं जो देश की सभी बड़ी से बड़ी समस्याओं का सरलता से समाधान के लिए सभी विषयों में बिस्तार पूर्वक प्रशिक्षण ले रहे और देश के सभी जिलों में सैकणों सच्चे समाज सेवियों और राष्ट्र भक्तों को प्रशिक्षण दे रहे है |
लोकसभा उम्मीदवार के द्वारा अपने क्षेत्र की जनता के लिए शपथ पत्र एवं एग्रीमेंट जो “भारतीय मताधिकार शक्ति महासंघ” के उस लोक सभाक्षेत्र के प्रतिनिधि के साथ होगा |
मैं .........................................................उम्रदराज़ .....................पुत्र,.......................................................... निवासी,....................................................................................................................................................................सत्यनिष्ठा से निम्नानुसार प्रतिज्ञा करता हूँ और घोषणा करता हूँ कि मै लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र सं ...... ............................................................................................से 2029 के लोकसभा चुनाव में “राष्ट्रीय आर्थिक ,सामाजिक न्याय मोर्चा” के अंतर्गत ....................................................................................राजनैतिक दल /पार्टी / का /निर्दलीय विधिवत उम्मीदवार हूँ | "राष्ट्रीय आर्थिक सामाजिक न्याय मोर्चा" की पूर्ण बहुमत की सरकार आने पर हम भारत वासियों की खुशहाली और विकास के लिए निम्न विन्दुओं को लागू करूंगा /करूगी |
हम देश में लगभग 900 लाख करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार के धन, काले धन और काले धन की संपत्तियों को जब्त करने और विदेशों से लगभग 90 लाख करोड़ रुपये के काले धन को वापस लाने/वापस लाने और उसे सरकारी खजाने में जमा करने और आवंटित करने/बजट में डालने के लिए वर्ष 2000 के यूएनओ(संयुक्त राष्ट्र संघ ) प्रस्ताव को लागू करेंगे।
- 1-जातीय जन गणना कराकर जिसकी जितनी आबादी , उसकी उतनी सभी क्षेत्रों में हिस्सेदारी (,शासन,प्रशासन,उद्योग,उच्च न्याय पालिका मिडिया ,व्यापार,राजनीति,संसद,विधान सभाओं मंत्रिमंडलो, ,सभी प्राइवेट सेक्टर्स में सभी प्रकार के सरकारी और प्राइवेट ठेकों आदि सभी क्षेत्रों में पूरी हिस्सेदारी )सभी को दी जायेगी |
- 2- प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना में संशोधन करके प्रत्येक नागरिक को कैशलेस मुफ्त चिकित्सा उपचार प्रदान करने के लिए प्रति वर्ष अतिरिक्त 3 लाख करोड़ रुपये आवंटित करें।
- 3- 3 वर्षों में 50000 प्रति माह तक की आय वाले सभी परिवारों के लिए 3 बेडरूम वाले घर बनाने के लिए प्रति वर्ष अतिरिक्त 5 लाख करोड़ रुपये प्रदान करें।
- 4- सभी सरकारी स्कूलों और कॉलेजों में सुधार और उन्नयन के लिए प्रति वर्ष अतिरिक्त 5 लाख करोड़ रुपये प्रदान करें और सभी परिवारों के छात्रों के लिए केवल उसी पाठ्यक्रम के साथ सरकारी स्कूलों में पढ़ना अनिवार्य करें जैसा कि कनाडा और अमेरिका में प्रचलित है।
- 5-किसानों की 10 करोड़ एकड़ भूमि के लिए फसल विविधीकरण के लिए 5000 रुपये/एकड़ अनुदान/सब्सिडी पर 50,000 करोड़ रुपये आवंटित करें।
- 6-उन किसानों और मजदूरों को प्रति लीटर दूध पर 10 रुपये का बोनस/प्रोत्साहन देगा जो सहकारी या सरकारी दूध प्रसंस्करण इकाइयों, उपक्रमों को दूध की आपूर्ति करते हैं।
- 7-केंद्र सरकार के 30 बड़े मंत्रालयों को अतिरिक्त 6 लाख करोड़ रुपये आवंटित करें और शिक्षित बेरोजगार युवाओं के लिए 32 लाख सरकारी नौकरियां भरने के लिए राज्य सरकारों को अतिरिक्त 6 लाख करोड़ रुपये आवंटित करें।
- 8- पुरानी पेंशन योजना को लागू करने के लिए राज्यों को हर साल 50,000 करोड़ रुपये प्रदान करेंगे।
- 9-अग्नि वीर योजना को 4 साल से बढ़ाकर 21 साल करने के लिए सालाना 15,000 करोड़ रुपये आवंटित करें।
- 10- रबी और खरीफ दोनों मौसमों में किसानों से 6 लाख करोड़ मूल्य की 23 फसलों के अधिशेष को #MSP पर खरीदने और इसे व्यापारियों, उपभोक्ताओं और मिल मालिकों को बेचने और खाद्य घाटे वाले देशों को निर्यात करने के लिए FCI को 2 लाख करोड़ रुपये आवंटित करें। इससे 14 करोड़ किसानों को फायदा होगा और ग्रामीण इलाकों, कस्बों और मध्यम आकार के शहरों में लाखों दुकानों वाले 6 करोड़ दुकानदारों और छोटे व्यापारियों को भी फायदा होगा।
- 11-लाभार्थियों की पेंशन मौजूदा राशि का 60% बढ़ाने के लिए अटल पेंशन योजना के लिए अतिरिक्त 20,000 करोड़ रुपये प्रदान करें।
- 12-जैसा कि कई पूर्व सैनिक संघों/यूनियनों ने बताया है, वन रैंक वन पेंशन में विसंगतियों को दूर करने के लिए 40,000 करोड़ रुपये प्रदान करें।
- 13- सभी भारतीयों को लाभ पहुंचाने के लिए सभी वस्तुओं की कीमतों को 3 से 16% तक कम करने के लिए जीएसटी को 5, 8 और 12% के 3 स्लैब में तर्कसंगत बनाएं।
- 14- 5 .करोड़ एमआईजी(मध्यम आय वर्ग) करदाताओं को राहत देने के लिए प्रति वर्ष 12 लाख कर योग्य आय तक आयकर समाप्त करें |
- 15- अतिरिक्त शुल्क, वैट,अप्रत्याशित कर, ईंधन कर और अधिभार को समाप्त करें और डीजल, पेट्रोल और गैस की कीमतों में 40% मुद्रास्फीति में 10 से 12% की कमी करके सभी परिवारों को 2000 रु से 8000 रुपये प्रति माह नकद राहत दे।
- 16-सभी 65+ वरिष्ठ नागरिकों, विधवाओं, तलाकशुदा, निराश्रित महिलाओं और सभी शारीरिक रूप से अक्षम नागरिकों को उनके जीवन स्तर में सुधार के लिए 1500 रुपये प्रति माह अतिरिक्त पेंशन शुरू की जाएगी।
- 17-गर्भवती माताओं को प्रसव से 8 महीने पहले और प्रसव के बाद 12 महीने तक केवल दो बच्चों के जन्म के लिए 1500 रुपये प्रदान किए जाएंगे।
- 18--इससे हमारी एचडीआई और जीएचआई स्थिति में सुधार होगा और हमारी सरकार द्वारा निर्धारित 2047 से काफी पहले 2027 तक यूएनओ, यूएनडीपी द्वारा निर्धारित एमडी और एसडी लक्ष्य हासिल हो जाएंगे।
- 19--नागरिकों को शीघ्र न्याय दिलाने के लिए बुनियादी ढांचे में सुधार और न्यायिक अधिकारियों की संख्या बढ़ाने के लिए प्रति वर्ष अतिरिक्त 50,000 करोड़ रुपये आवंटित किए जाएंगे।
- 20-देश में पुलिस व्यवस्था को कनाडा, अमेरिका और ब्रिटेन के बराबर लाने के लिए विशेष प्रशिक्षण, आधुनिकीकरण और उन्नयन के लिए प्रति वर्ष अतिरिक्त 1,50,000 करोड़ रुपये आवंटित किए जाएंगे।
देश में लगभग 900 लाख करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार के धन, काले धन और काले धन की संपत्तियों को जब्त करने और विदेशों से लगभग 90 लाख करोड़ रुपये के काले धन को वापस लाने/वापस लाने और उसे सरकारी खजाने में जमा करने और आवंटित करने/बजट में डालने के लिए वर्ष 2000 के यूएनओ(संयुक्त राष्ट्र संघ ) प्रस्ताव को लागू करेंगे।
23 सभी किसानों, दुकानदारों, मजदूरों और मध्यम वर्गीय परिवारों को ऋण मुक्त #समृद्ध_सशक्त_संपन्न_खुशहाल में बदलने के लिए आने वाले 5 वर्षों के लिए सभी गैर करदाताओं परिवारों को प्रति वर्ष 5000 रुपये की नकद राहत देने के लिए हर साल लगभग 90 लाख करोड़ रुपये। (नेताजी सुभाष बोस की जयंती) और हमारा मेरा भारत महान #नंबर 1 देश #वर्ल्डगुरुइंडिया 14% की जीडीपी और 130 लाख करोड़ प्रति वर्ष के राजस्व के साथ।देश के लोगों के लिए उपर्युक्त सभी योजनाओं, और लाभों को लागू करने के लिए हर साल अतिरिक्त 20 लाख करोड़ रुपये की आवश्यकता होती है। काले धन और काले धन की संपत्तियों की जब्ती के पूरा होने के साथ, देश के प्रत्येक नागरिक की आय केवल एक वर्ष में 5000 रुपये प्रति माह बढ़ जाएगी। उपरोक्त बिन्दुओं के अनुसार कार्य न करनेपर हमारी सभी चल-अचल संपत्ति भारत सरकार की संपत्ति होगी और मैं आजीवन कारावास के दंड का भागी होउंगा |
शपथकर्ता लोक सभा उम्मीदवार के हस्ताक्षर
भारतीय मताधिकार शक्ति महासंघ प्रतिनिधि के हस्ताक्षर
साक्षी (गवाह ) के हस्ताक्षर
OUR WORKS
धार्मिक कौन ?एवं अधर्मी (दुष्ट) को पहचाने ! दूसरों का हित करने वाला धर्मी और अहित करने अर्थात पीड़ा पहुचानेबाला अधर्मी) -पर हित सरस धरम नहीं भाई -पर पीड़ा सम नहीं अधमाई -तुलसी दास के राम चरित मानस के अनुसार
भारत देश के विकास और खुशहाली के सम्बन्ध में महत्वपूर्ण सचाइयां – सभी ब्यक्तियों , समूहों ,समाजों, देशों की सभी समस्याओं के समाधान के लिए पूर्ण रूप से आध्यात्मिक क्षेत्र तथा भौतिक क्षेत्र दौनों क्षेत्रों का ज्ञान होना आवश्यक है| क्योंकि दोनों पंखों के बिना कोई भी पक्षी रूपी मनुष्य विकास, खुशहाली, शांति और आनंद की उड़ान नहीं भर सकता है| उसका जीवन व्यर्थ ही जाएगा और अशांति, असंतोष, असुरक्षा में ही जिएगा। देश में खुशाली तभी आ सकती है जब आदमी प्रकृति, ईश्वरीय, धार्मिक, नैतिक, मानवीय सोच अपने जीवन में उतार कर जिएगा तभी वह अपने जीवन को सार्थक बना सकेगा और दूसरों को भी सार्थक जीवन बनाने के लिए प्रेरित करेगा | अन्यथा वह स्वयं ही अपनी और दूसरे की, पड़ोस की, गांव-मोहल्ला, नगर, देश और संसार की समस्याओं और दुखों के के लिए स्वयं दोषी और जिम्मेदार है। भारत लगभग 1000 साल गुलाम क्यों रहा ? इसका मुख्य कारण अंधविश्वास पाखंड (यानी मूर्खतापूर्ण बेवकूफी से भरे हुए सोच वाले कार्य) जोकि पूरी प्राकृतिक व्यवस्था कार्य और कारण के सिद्धांत पर चल रही है उसके विरुद्ध है । हमारे तथाकथित धर्म के ठेकेदारों के द्वारा घोर अधर्म किया गया और आज भी किया जा रहा है| इसी कारण देश पतन और नरक में महसूस कर रहा है | और आज भी विदेशी खरबों डॉलर अर्थात प्रत्येक व्यक्ति पर लगभग सवा लाख रुपए विदेशी कर्जा है| अर्थात हमारा देश भिखारी है| बड़ा भिकारी है| इसलिए आर्थिक रूप से बड़ा गुलाम भी है| इसके कारणों और निवारणों पर जाना ही पड़ेगा |इसलिए आजाद होने पर प्रश्न चिन्ह है ?
1-अंधविश्वास एवं पाखंड तथा धर्माधिकारियों के लालच ---- अंधविश्वास एवं पाखंड तथा धर्माधिकारियों के लालचों के कारण देश गुलाम और लाचार बना | उदाहरण के लिए सोमनाथ के मंदिर में भरे अरबों -खरबों के हीरे-जवाहरातों को महमूद गजनवी ने सोम नाथ के मंदिर पर आक्रमण कर 14 वार लूटा और मंदिर के पुजारी हर वार कहते रहे कि शंकर जी के मंदिर को कोई नहीं लूट सकता मंदिर में प्रवेश ही नहीं कर सकता |और वहां के क्षत्रिय राजा को महमूद गजनवी से लड़ने के लिए जानकारी तक नहीं पहुंचाई |साथ ही मंदिर के पुँजारियों ने प्राणों के डर और संपत्ति के लालच में 14 वार गुजरात के सोमनाथ मंदिर में अरबों-खरबों के हीरे जवाहरात आदि अन्य संपत्ति महमूद गजनवी से लुटबाने में मदद कर मूर्खता की |
२-राजा जय चन्द एवं राजा प्रथ्बीराज जो आपस में सगे रिश्तेदार थे,इन जैसों की महामूर्ख्ताओं, बड़े अहंकारों के कारण जो आपस में ही एक दूसरे के खून के प्यासे हो गए और मुहम्मद गोरी को लूटने और शासन करने का अवसर मिला और भारत के लोग गुलाम हो गए |
3-- धर्म के ठेकेदारों का अहंकार, अन्धविश्वास ,झूठ, धोखाधड़ी, देश के जन सामान्य को सत्ता से दूर रखकर उनको लड़ने के लिए मना करते रहने से विदेशियों के हाथ पराजय हुई| इससे देश गुलाम हुआ और देश के पतन का कारण बना|
4-- धर्म के नाम पर धर्म के ठेकेदारों ने अधर्म और घोर अमानवीय कार्य किये,जिसमे ऊंच-नीच ,छुआ–छूत, छोटे –बड़े की ब्यवस्था समाज में बनाकर रखी| जिससे मनुष्यों में परस्पर मित्रता, समानता,, बंधुत्व,सभी परमपिता ईश्वर की संतान होने की भावना पैदा नहीं हो सकी | धर्म के ठेकेदारों के द्वारा अहंकार से ग्रषित होकर,अंधविश्वास,ऊच नींच,छुआ छूत, वैमनस्य, द्वेष,शोषण ,अन्याय, अत्याचार, धोखाधड़ी, छल-प्रपंचों, षड्यंत्रों, भ्रष्टाचार, दुराचार, अन्याय को समाज और देश में फैलाया गया | जिसके कारण भारत में आपसी भाईचारे की भावना ,मित्रता की भावना को नहीं बन सकी ,जिससे देश सामाजिक,मानसिक,वैज्ञानिक,आर्थिक,शैक्षिक क्षेत्रों में लगातार पिछड़ता गया |
5- कथनी और करनी में अंतर रखना अर्थात राष्ट्र के लोगों को समाज के लोगों को परम पिता की संतानों को अर्थात अपने भाइयों मित्रों और परिजनों जो राष्ट्र के रूप में राष्ट्रीय परिवार में माने जाते हैं उनको धोखा देना, गुमराह करना उनसे छुपाकर उनको मूर्ख बनाकर, उनके साथ छल-कपट कर, ,धोखा देकर संपत्ति, सत्ता, संसाधन एकत्र करना संपत्ति को जो सभी के हिस्से की है, उसको अपने व्यक्तिगत रूप में एकत्रित कर में पूंजीवाद की व्यवस्था को लागू करना |इस व्यवस्था से अपने पास हड़प कर रखना देश में रखना तथा विदेशों में जमा की| जिससे देश की जनता को भयंकर समस्याओं का सामना करना पड़रहा है ।
6-- भारतीय संस्कृति में, हिंदू संस्कृति में, वैदिक संस्कृत में, सनातन संस्कृत में इन संस्कृतियों के अनुयायियों के द्वारा धर्म के ठेकेदारों के द्वारा लोगों को अंधविश्वास में फंसा कर उनको वैज्ञानिक सोच के कारणों कार्य के सिद्धांत से दूर रखा | भाग्य और भगवान के भरोसे जीने के लिए प्रेरित किया |जिससे कि वह अपने अधिकारों अपनी शक्तियों, अपनी उर्जा और अपनी विराट शक्ति जिसमें प्रत्येक मनुष्य “अहम् ब्रह्मास्मि” का उद्घोष कर सके और इस ब्रह्मांड की बड़ी सी बड़ी शक्तियों की क्षमता प्राप्त कर सके, इससे दूर कर उसको हीन भावना में डालना और उसका शोषण करना और उसको समानता, खुशहाली, स्वाभिमान एवं भौतिक संसाधन उपलब्ध न हो सके, ऐसा वातावरण तैयार किया गया है| जब तक इस षड्यंत्र की सच्चाई जनता के सामने नहीं आएगी, तब तक देश भिखारी, लाचार, गुलाम, मजबूर, मजदूर, निर्वल ,शोषित, पीड़ित बना ही रहेगा।
7-आध्यात्मिक क्षेत्र में प्रत्येक मनुष्य में विराट ऊर्जा है, विराट शक्ति है- जो सनातन वैदिक, हिंदू, ग्रंथों में कहा जाता है कि भक्त के बस में भगवान है |अर्थात “अहम् ब्रह्मास्मि” (“में ब्रह्म हूँ”) ‘एकोअहम द्
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